दिल से देखा तो भरी महफिल में खुदको अकेला पाया। तन्हाई एक ऐसी सजावट है जो हमें खुद से मिलाती है, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। वक्त से उधार माँगी किस्तें चुका रहा हूँ, कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे “तन्हाई में किसी न https://youtu.be/Lug0ffByUck